Thursday 26 August 2021

की भेटल आ की हेरा गेल

की भेटल आ की हेरा गेल ( आत्म गीत )


                    (१)
एक दिन बीतल कए दिन बीतल
एक युग बीतल कए युग बीतल

कएटा वसंत            भादो बनिक'
अछि समय   सिन्धुमे समा गेल
हम सोचि       रहल छी जीवनमे
की भेटल        आ की हेरा गेल |

                    (२)
जीवन केर          आंगनमे वसंत
आयल कहियो       हंसिते-हंसिते
किछु कोंढ़ी छल से फूल बनल
झरि गेल मुदा      छुबिते-छुबिते

गुन-गुन  करइत मोनक भमरा
कांटेक दोगमे               घेरा गेल
हम सोचि रहल छी      जीवनमे
की भेटल       आ की हेरा गेल |
                   (३)
सपना पाहुन बनि क    आयल
तन्नुक सन निन्नक आंगनमे
ओ फूल जे माला बनि ने सकल
छिड़िआयल सुधिकेर  काननमे 

से  टीस  ह्रदयमे  अछि  एखनहुँँ  
किछु तप्पत सन  किछु सेरा गेल 
हम  सोचि रहल छी      जीवनमे
की  भेटल       आ  की हेरा गेल |




No comments:

Post a Comment