जय जय मिथिला, जयति मैथिली;
जय भारत, जय भारती
(गीत)
आउ आइ हम सब हिलि - मिलि कऽ, माँक
उतारी आरती ।
जय जय मिथिला,
जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती ।।
चाकर बनला जतय
सदाशिव ,
विद्यापतिक दुआरि पर ।
सर्वे भवन्तु सुखिनः गबैत अछि,
कोइली आमक डारि
पर ।
जनम - जनम तहँ जनकक आङ्गन, सीते
कलुष बहारती ।
जय जय मिथिला,
जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती ।।
दूभि - धान लय शांति - अहिंसाक
पूजब हम प्रतिमा
सत्यक ।
घर – घर दीप
जरायब अभिनव,
गाँधी ओ जनकक
कृत्यक ।
आइ स्वप्न दर्पणमे, जननी अनुपम
रूप
निहारती ।
जय जय मिथिला,
जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती ।।
हम कल्पना करी एकटा,
भारतवर्षक गाम
केर ।
जैमे
हो बस जाति
एकटा,
मात्र भारतीय नाम
केर ।
रहथु
सहाय जननि जगदम्बे, बिगड़ल काज सम्हारती
।
जय जय मिथिला,
जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती ।।
हमर ई गीत आइ सँ २० – २५ वर्ष पहिने, महादेव ठाकुरजी द्वारा, nv (new voice) Series, Mumbai (Bombay) सँ हुनिकहि द्वारा गाओल एक गोट “मैथिली ऑडियो कैसेट” मे
निकलल छल । कैसेटक नाँव छल "मैथिली गीत संग्रह" । बाद मे बहुतहु गोटे विभिन्न मैथिली सांस्कृतिक मञ्च सभपर गओलन्हि ।
अति सुन्दर
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