Thursday, 26 January 2012

जय जय मिथिला, जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती

जय जय मिथिला, जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती
(गीत)





आउ आइ हम सब हिलि - मिलि कऽ, माँक  उतारी आरती
जय जय मिथिला, जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती ।।

चाकर  बनला  जतय सदाशिव ,
विद्यापतिक     दुआरि      पर ।
सर्वे भवन्तु सुखिनः गबैत अछि,
कोइली   आमक  डारि      पर  
जनम - जनम तहँ जनकक आङ्गन, सीते  कलुष बहारती  
जय जय मिथिला, जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती ।।

दूभि - धान लय शांति - अहिंसाक
पूजब   हम   प्रतिमा     सत्यक ।
घर घर  दीप  जरायब  अभिनव,
गाँधी     जनकक       कृत्यक
आइ  स्वप्न   दर्पणमे,  जननी  अनुपम  रूप   निहारती ।
जय जय मिथिला, जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती ।।

हम    कल्पना   करी    एकटा,
भारतवर्षक       गाम      केर ।
जैमे    हो   बस  जाति   एकटा,
मात्र    भारतीय   नाम     केर ।
रहथु   सहाय  जननि  जगदम्बे, बिगड़ल  काज  सम्हारती ।
जय जय मिथिला, जयति मैथिली; जय भारत, जय भारती ।।





हमर ई गीत आइ सँ २० – २५ वर्ष पहिने, महादेव ठाकुरजी द्वारा, nv (new voice) Series, Mumbai (Bombay) सँ हुनिकहि द्वारा गाओल एक गोट “मैथिली ऑडियो कैसेट” मे निकलल छल । कैसेटक नाँव छल "मैथिली गीत संग्रह" । बाद मे बहुतहु गोटे विभिन्न मैथिली सांस्कृतिक मञ्च सभपर गओलन्हि ।

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