Friday, 27 January 2012

हमर संसार


हमर संसार
(कविता)


बेड  पर पड़ल छी
अस्पताल अछि
सूई अछि, सिरींज अछि
टेबलेट आ केपसूल अछि
इंजाइम अछि, टॉनिक अछि
कतेक असहाय छी हम
कतेक दुखद  अछि ई  क्षण,
हमरा देखैले
आबि गेल अछि कतेक लोक
बेटी-जमाए
बेटा - पुतोहु

नाति-नातिन

पौत्र - पौत्री
मित्र -पड़ोसी
कतेक सामर्थ्यवान छी हम
कतेक सुखद अछि ई क्षण !




( प्रकाशित : मैथिली पत्रिका आरम्भ, पटना, अंक २४/ जून २००० )


No comments:

Post a Comment