हमर संसार
(कविता)
बेड पर पड़ल
छी
अस्पताल
अछि
सूई अछि, सिरींज अछि
टेबलेट आ
केपसूल अछि
इंजाइम
अछि, टॉनिक
अछि
कतेक
असहाय छी हम
कतेक
दुखद अछि ई क्षण,
हमरा
देखैले
आबि गेल
अछि कतेक लोक
बेटी-जमाए
बेटा -
पुतोहु
नाति-नातिन
पौत्र -
पौत्री
मित्र
-पड़ोसी
कतेक
सामर्थ्यवान छी हम
कतेक
सुखद अछि ई क्षण !
( प्रकाशित : मैथिली पत्रिका आरम्भ, पटना, अंक २४/ जून २००० )
( प्रकाशित : मैथिली पत्रिका आरम्भ, पटना, अंक २४/ जून २००० )
No comments:
Post a Comment