Monday, 23 January 2012

हमर गामक चौक पर



हमर गामक चौक पर

(गजल)


चारि टा  दोकान  चाहक,  हमर गामक  चौक पर ।
भीड़  भारी भेल  लोकक,  हमर गामक चौक पर ।।

की  मोहाली  मे  भेलै  आ  की  श्रीलंका मे भेलै ।
लोक  डम्फा  लए नचैए, हमर  गामक  चौक पर ।।

हमर  गामक  लोक  केँ बुझल  ने छै हालो अपन ।
टुटि गेलए इसकूल गामक, हमर  गामक चौक पर ।।

हमर गामक  लोक केँ की भऽ गेलै,  सोचै छी हम ।
खुजि  गेलए  दारूक भट्ठी,  हमर गामक चौक पर ।।

चल  गेला  बासुदेवजी,  रामायणक  पद  बाँचि कऽ ।
आब  महाभारत  मचैए, हमर   गामक  चौक  पर ।।


मिथिला दर्शन” , सितम्बर अक्टूबर २०११, वर्ष ५९, अंक ५, पृष्ठ ३९ पर प्रकाशित ।

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