भाइ, आइ थिक छब्बीस जनवरी
(गीत)
कह ! जय गांधी, जय जयप्रकाश,
जय जय सुभाष जय भगत सिंह ।
ओ नै रहला, लेकिन अछिए,
सब कर्म - बीर केर चरण-चिन्ह ।।
जिनका बल पर खूजि सकल छल
सबहक हाथक हथकड़ी ।
भाइ, आइ थिक छब्बीस जनवरी ।।
आजुक दिन लए जान देने छथि,
रत्न कतेको भारतवर्षक ।
आजुक दिनमे सजल - धजल अछि,
स्वप्न कतेको भारतवर्षक ।।
बहुत गमौला पर इ भेटल
से धरि कहियो नै बिसरी ।
भाइ, आइ थिक छब्बीस जनवरी ।।
देशक खातिर, माटिक खातिर,
कऽ दी हम तन-मन-धन अर्पण ।
जन्मभूमि केर बलिदानी केर,
पूर हेतनि सब सपना तैखन ।।
तील-कुश-गंगाजल लऽ कऽ
चलू यैह संकल्प करी ।
भाइ, आइ थिक छब्बीस जनवरी ।।
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