पटनाक मजा लीयऽ
पटनाक मजा लीयऽ ।
दिल्लीक मजा लीयऽ ।
बेकार छी अहाँ तँ,
बम्बइक मजा लीयऽ ।।
बजबाक मजा लीयऽ ।
खयबाक मजा लीयऽ ।
लाचार छी अहाँ तँ,
देखबाक मजा लीयऽ ।।
चलि दीयऽ तेम्हर,
डेग उठय जेम्हर ।
बस चढ़ू, ट्रेन चढ़ू,
पकड़ू इस्टीमर ।
रिक्शाक मजा लीयऽ ।
टमटम केर मजा लीयऽ ।
अछि खाली जँ जेबी
पैदल केर मजा लीयऽ ।।
चलू - चलू ओम्हरे,
भीड़ देखू जेम्हरे ।
हउए देखू जुलूस,
आबि रहल एम्हरे ।
जुलुस केर मजा लीयऽ ।
पुलिस केर मजा लीयऽ ।
जँ लागि गेल लाठी,
इस्स-इस्स केर मजा लीयऽ ।।
छथि मामा एमेले,
तँ भेँट कऽ
आउ ।
मोनक भरम केँ,
मेटौनहि जाउ ।
बाबूक नाम लीयऽ ।
कक्काक नाम लीयऽ ।
इमप्लायमेंट एक्सचेंज मे,
धक्काक मजा लियऽ ।।
( रचना : १९७५ : शशिकान्तजी- सुधाकांतजी द्वारा कतेको मंच पर प्रस्तुत
भेल )
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