Wednesday, 27 June 2012

गजल सुनायब



गजल सुनायब



 हम    तमसायब    गजल   सुनायब 
अहाँ  अगुतायब  गजल  सुनायब |
 
ई  सौंसे   आकाश   हमर  छी
उड़ि-उड़ि आयब गजल सुनायब |

माइक  करजा  माटिक  करजा
हमहूँ चुकायब  गजल सुनायब |

पाप  कते  भरि  गेल   मोनमे
गंगा बनायब  गजल  सुनायब |

लगतै   आगि   अहू  जंगलमे
कतहु पड़ायब  गजल सुनायब |

अहाँक  हृदयमे घऽर हमर अछि
घुरि–घुरि आयब गजल सुनायब |

ताकब  बाट  अहाँक जीवन भरि
सपन सजायब  गजल सुनायब |







प्रकाशित :- "विदेह", अंक ‍१०८, ‍१५ जून २०‍१२

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