बेटी
घरसँ होउ बहार बेटी
बाट तकैछ पहाड़ बेटी |
खपटा थिक सोना आ चानी
उत्तम स्नेहक धार बेटी |
गेल जमाना तिलक दहेजक
सरस्वतीक संसार बेटी |
नैहर सासुर तीर्थ धाम सब
भऽ गेल आइ बजार बेटी |
आब पताल ने जेती सीता
सुन्दर यैह विचार बेटी।
प्रकाशित :- "विदेह", अंक १०८, १५ जून २०१२
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