Thursday, 8 March 2018

बियाहमे एतेक हंगामा मचाएब कोन जरूरी छै

गजल

बियाहमे    एतेक    हंगामा   मचाएब       कोन   जरूरी  छै
सय   गोटेकें   बरियातीमे   ल'क'  जाएब   कोन  जरूरी छै


कोंचि-कोंचिक' खुआएब रहु माँछक मूड़ा  अथवा रसगुल्ला
आ रातिमे जनउ-सुपारी पकड़ाएब            कोन जरूरी छै


कोन   जरूरी   छै    सत्ताइसटा  तडुआ        और   तरकारी
सबहक पातपर ओतेक अन्न छुटाएब        कोन जरूरी छै


ई   भोमाशंख   दर्जन   के  दर्जन  फटक्का     आ आर्केस्ट्रा
एहि     हुड़दंग   परम्पराकें   अपनाएब       कोन जरूरी छै


बचबियौ  दाइ  माइक  मूँहक  डहकन  सोहर आ समदाउन
डीजेके  धुनपर   नाचब   और     नचाएब     कोन जरूरी छै


जरूरी अछि कहुना बचाक' राखब    पवित्रताक संस्कृतिकें
साल भरि कन्यागतकें कबाछु लगाएब      कोन जरूरी छै


'अनिल' नेटपर परसि दियौ सभटा जे लिखने छी,लीखै छी
ब्लॉग केर युगमे आब किताब छपाएब      कोन जरूरी छै

(मात्रा क्रम : 2222  2222  2222  2222)
अलग-अलग दूटा लघुकें एकटा दीर्घ मानल गेल अछि ।

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