गजल
दीनता अशिक्षा और अन्हार अछि मिथिलामे
अनगिनती नोरक टघार
अछि मिथिलामे
गाम बहुत अछि बिला
गेल कोसीक बाढ़िमे
अनगिनती सूखल इनार अछि मिथिलामे
अल्हुआ मडुआ आ बिसाँढ
एखनहु खेबाले’
सुतबाले’ एखनहु पुआर अछि मिथिलामे
गाम छोड़िक’ लोक भगैए दिल्ली मुंबई
किछुए अनार लाखो बिमार अछि मिथिलामे
कतेक योजना शापित एखनहु जहां-तहां
एखनहु रामक इंतिजार अछि मिथिलामे
कोन कृष्ण कहिया एथिन
से के जानय
दुख केर गोबर्धन पहाड़ अछि अछि मिथिलामे
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