बाल गीत
हमरहि खातिर सुरुज उगइ छथि
हमरहि खातिर चान
हमरहि खातिर कोटि तरेगन
हमरहि ले’ आसमान |
हमरहि खातिर साँझ पडइए
राति सं होइए प्रात
हमरहि खातिर रौद अबैए
हमरहि लेल बसात
हमरहि खातिर गाछ फडइए
जामुन, आम, लताम |
पानि तपैए, भाफ बनैए
भाफ उडइए, मेघ बनैए
सेहो हमरे ले’ ऊपरसं
धरती पर रिमझिम बरसैए
हमरहि खातिर धरती मैया
देथि गहूम आ धान |
हमरहि खातिर फूल फुलाइछ
उज्जर- पीयर- लाल
कतहु असीमित सागर अछि तं
पर्वत कतहु विशाल
सभटा हमरहि लेल बनाक’
नुका गेला भगवान |
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