Tuesday, 5 October 2021

चिट्ठी लीखि रहल छी

         चिट्ठी लीखि रहल छी 

कोना कहू जे कोन हालमे जीबि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |

पर्वत केर कायासं निकलय
कोयला कारी-कारी
घूम घुमौआ रस्ता पर अछि
चलइत मोटर गाड़ी

आगां निहुरि-निहुरि क' च'लब सीखि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |

       मोन  पडइए एत' आबि क'
                     सीवानक संसार
कविता गीत गजल केर खातिर
                    जहाँ-तहाँ बैसार

एत' तपस्वी केर भोग हम भोगि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |

बिजली  रानी संग रहै छथि
तें त अछि किछु मौज
साधू केर कुटी-सन लागय
अनमन दीपक लौज
एतहि आबि क' इस्टेसन दिस ताकि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |

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