चिट्ठी लीखि रहल छी
कोना कहू जे कोन हालमे जीबि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |
पर्वत केर कायासं निकलय
कोयला कारी-कारी
घूम घुमौआ रस्ता पर अछि
चलइत मोटर गाड़ी
आगां निहुरि-निहुरि क' च'लब सीखि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |
मोन पडइए एत' आबि क'
सीवानक संसार
कविता गीत गजल केर खातिर
जहाँ-तहाँ बैसार
एत' तपस्वी केर भोग हम भोगि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |
बिजली रानी संग रहै छथि
तें त अछि किछु मौज
साधू केर कुटी-सन लागय
अनमन दीपक लौज
एतहि आबि क' इस्टेसन दिस ताकि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |
पर्वत केर कायासं निकलय
कोयला कारी-कारी
घूम घुमौआ रस्ता पर अछि
चलइत मोटर गाड़ी
आगां निहुरि-निहुरि क' च'लब सीखि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |
मोन पडइए एत' आबि क'
सीवानक संसार
कविता गीत गजल केर खातिर
जहाँ-तहाँ बैसार
एत' तपस्वी केर भोग हम भोगि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |
बिजली रानी संग रहै छथि
तें त अछि किछु मौज
साधू केर कुटी-सन लागय
अनमन दीपक लौज
एतहि आबि क' इस्टेसन दिस ताकि रहल छी
हम पहाड़ पर बैसल चिट्ठी लीखि रहल छी |
No comments:
Post a Comment