जुनि कान रे
जुनि कान जुनि कान जुनि कान रे
बौआ जुनि कान रे |
नै तऽ कौआ ल जेतौ तोहर कान रे | बौ आ ......
खा ले जल्दी, सुति रह चुप-चाप
नहि तं भकौआँ धरतौ
सुनहिन हे जंगलमे गीदड बजइ छै
टांग पकडि ल जेतौ
एतौ लकड़सुंघा धोकड़ीमे कसि क'
नेने चल जेतौ अपन गाम रे | बौ आ ......
काल्हि अबइ छै बौआ के बाबू
नेने कते बस्तुनमा
हमरा बौआ ले' अंगा - टोपी
रंग
-विरंगक खेलौना
साइकिल के घंटी बौआ
टुनटुन बजेतै
देखि
जुडायत हमर प्रान रे | बौ आ ......
बुचिया रधिया बड बदमास'छि
बौआ हमर बुधियार
भोरे बौआ के बाबा कें कहि क'
मँगबा देबै कुसियार
काल्हि खान नानीक गाम सं अबैछै
चंगेरा भरल पूरी -पकवान रे | बौ आ ......
भोरे बौआ ले' भानस करबै
भात-दालि
-तरकारी
बुचिया कें कनियों नै
देबै
बौआ कें भरि थारी
दुःख केर इ राति बौआ बीतत अबस्से
असरा गरीबक भगवान रे | बौ आ ......
(१९७८ मे प्रकाशित गीत संग्रह "तोरा अङ्गना मे" केर पृष्ठ ४ - ५, गीत सं - ३)
संगहि “गीतक फुलवारी” मे सेहो प्रकाशित ।
No comments:
Post a Comment