तोरा अङना मे
तोरा अँगना मे
वसंत नेने
आएब सजना | तोरा अँगना मे........
पीयरे ओहार बीच लाले रंग डोलिया
ताही बिच कुहुकय प्राण कोइलिया
तोरे ले' पराती
सुनैब सजना | तोरा अँगना मे.........
आशक पातिल, प्रेमक बाती
देखि जुड़ायत, दगधल छाती
सपने जकाँ कोहबर
सजैब सजना | तोरा अँगना मे.........
सेज सजायब, कल्पित उपवन
करब निछाउर, तन-मन-यौवन
नीलगगन सन
बनैब सजना | तोरा अँगना मे.........
नोर बहा कय थाकलि नयना
उछिलय सिनेहक गंगा - यमुना
संगे-संगे जी भरि
नहैब सजना | तोरा अँगना मे.........
( १९७८ मे प्रकाशित गीत संग्रह 'तोरा अँगना मे'क गीत क्र. १६ )
संगहि “गीतक फुलवारी” फुलवारी मे सेहो प्रकाशित ।
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