श्री जीवकान्तजीक चिट्ठी
डेओढ २3.03.97
भाइ अनिलजी,
'हंस' मे अहाँक लघु कथा 'संसार' देखल अछि |
खुशी भेल |
'खांडो'क दाम अहाँ केदार कानन कें पठओने रही |
से दाम केदार कानन हमरा मनीऑडर सं पठा
देने छथि |
अहाँ स्वस्थ- सानंद होयब |
जीवकान्त
स्वस्ति |
प्रिय श्री जगदीश,
' तिरंगे के लिए ' आइ डाक मे प्राप्त कयल अछि |
पढबामे नीक लगैत अछि |
सुनबामे ताहूसं अधिक नीक लागत |
जीवकान्त
३१.१०.९७
डेओढ २५.०८.९९
भाइ,
दहेज हत्या पर मैथिलीमे किताब अयबाक चाही |
तत्काल अहांक कविता 'जंगल' (आरम्भ-२० )
एहि प्रसंगमे उल्लेखनीय अछि |
एकर प्रसंगक चर्चा हम असमिया मित्रकें पत्रमे कयल अछि |
ओ एकर चर्चा हारवार्ड मे आयोजित एक सभामे करताह |
---------जीवकान्त
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