अहाँ नील
गगन केर चंदा
( युगल गीत )
अहाँ नील गगन केर चंदा , हम मृत्युभुवनक चकोर | |
------ अहाँ नील गगन केर चंदा
हम मृत्युभुवनक चकोर |
------ हम विरहक राति अन्हरिया
पिया अहाँ वसंतक भोर |
------ई जादूगर
कतय सँ आयल
नयन लोभायल
निन्न बिलायल
मोनक चैन पड़ायल, सखि हे ..........
------ दुनिया जकरा चोर कहय से
अनका कहइछ चोर || अहाँ ........
------ की छल राजा
की छलि रानी
की छल सोना
की छल चानी
सभटा एक पिहानी, सखि हे ........
------ दुःख-सुख जीवनमे अबिते अछि
जहिना साँझ आ भोर || अहाँ..........
------ प्रीती डगर हम
छोड़ब कोनाकऽ
छी माँछ, पानि बिनु
जीयब कोनकऽ
जीबितहि मरब कोनकऽ, सखि हे ........
------ हृदय-सिन्धुमे रहि-रहि उठइछ
अहींक सुधिक हिलकोर || अहाँ ...........
------ मिलनक आशा -
सुमन फुलायल
हृदय सिनेहक
घाट नहायल
अपुरुब प्रीति समायल, सखि हे------
------ होऽऽ अपुरुब प्रीति समायल
------ मन उपवनमे नाचि रहल छी
जहिना नाचय मोर || अहाँ ..........
( १९७८ मे प्रकाशित गीत संग्रह ' तोरा अंगनामे'क गीत क्र. ६ )
No comments:
Post a Comment